मेक इन इंडिया | make in india in defence sector|power|video

Make in India (मेक इन इंडिया पावर ऑफ डिफेंस सेक्टर )

 रक्षा मंत्रालय ने कहा, 2028 तक रुकेगा इनका आयात सना के 928 और आइटम में दिखेगा 'मेक इन इंडिया'

5 साल में इन चीज़ों की बंद होगी विदेशी खरीद


■ सुखोई-30 के डिजिटल मैप जेनरेटर, वॉरशिप के यात्रा डेटा रेकॉर्डर


■ देश में निर्मित HTT- 40 एयरक्राफ्ट के स्मार्ट मल्टिफंक्शन डिस्प्ले


हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों के तेल टैंक, गियर बॉक्स, वॉल्व, टायर शामिल हैं


पहले भी आ चुकी हैं तीन ऐसी लिस्ट


■ दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में जारी हुई हैं तीन लिस्ट


लिस्ट में शामिल 2500 चीजों का देश में उत्पादन शुरू हो चुका है।


1238 अन्य उत्पादों में 310 का Diagnostic पूरा, तय समय सीमा में इनका उत्पादन भी शुरू होगा।


स्वदेशी शिप और मिसाइल ... टेस्ट कामयाब


सफल रहा पहला वार

भारतीय नौसेना में हाल में शामिल हुए वॉरशिप INS मोरमुगाओ से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का पहला टेस्ट पूरी तरह सफल रहा। इससे समुद्र में भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में इजाफा हुआ है।


सुपरसॉनिक रफ्तार


आवाज से तीन गुनी रफ्तार के साथ इस क्रूज मिसाइल ने हमलावर मिसाइल को हवा में सफलता के साथ नष्ट कर दिया। नौसेना ने इसे नई ताकत बताया।

आत्मनिर्भरता की कामयाबी

INS मोरमुगाओ को देश में ही डिजाइन किया गया और बनाया गया है। वहीं, ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल भी स्वदेशी है। इसे भारत और रूस का साझा उपक्रम बनाता है।

रक्षा मंत्रालय ने सैनिक साजोसामान से जुड़े 928 कलपुर्जों और सब सिस्टम की नई लिस्ट को मंजूरी दी है, जिन्हें सिर्फ भारतीय कंपनियों से ही खरीदा जा सकेगा। मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इस कदम का मकसद रक्षा उत्पादन में 'आत्मनिर्भरता' लाना और देश में ही रक्षा उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देना है। इस उद्देश्य से ₹7 मंत्रालय की चौथी लिस्ट है। करो इसमें शामिल चीजों के विदेश आयात से आयात पर अगले पांच-साढ़े होते पांच साल में प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। अभी इन उत्पादों के आयात पर करीब 715 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इन 928 चीजों में रिप्लेसमेंट यूनिट, विभिन्न मिलिट्री प्लैटफॉर्म से जुड़े सब सिस्टम और कलपुर्जे, इक्विपमेंट और हथियार शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2028 तक इन चीजों के आयात पर प्रतिबंध लगाने की समय सीमा तय की है।

इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने तीन और ऐसी लिस्ट जारी की थीं। ये लिस्ट दिसंबर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में जारी की गई थी। इन लिस्टों में शामिल 2500 चीजों का देश में ही उत्पादन शुरू हो चुका है और तय समयसीमा में 1238 अन्य चीजों को देश में ही बनाने की तैयारी है। इन 1238 चीजों में से 310 का स्वदेशीकरण किया जा चुका है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इससे ना सिर्फ देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही हमारी रक्षा उत्पादन की गुणवत्ता में भी इजाफा होगा। 

भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदारों में है। आने वाले पांच वर्षों में सेना अपनी हथियार खरीद जरूरतों पर करीब 130 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बना रही है। यही वजह है कि घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पांच वर्षों में देश में ही 1.75 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों के निर्माण का लक्ष्य है

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