बच्चों को पैसे की सही शिक्षा देना (Teachers’ Day Special)
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| Teachers’ Day special |
Teachers’ Day special| financial knowledge
बच्चों को पैसे सिखाने में माता-पिता की 5 आम गलतियाँ
❌ 1. बच्चों को फैसले लेने नहीं देना
- छोटे फैसले बच्चे को खुद लेने दें।
- अगर उसने ग़लत फैसला लिया तो प्यार से समझाएँ।
- उसके फैसले के परिणामों पर चर्चा करें।
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| Teacher special day |
❌ 2. पुरानी पीढ़ी की सोच थोपना
- बच्चों को सभी विकल्पों के बारे में बताएँ।
- उन्हें SIP, म्यूचुअल फंड्स, डिजिटल गोल्ड, क्रिप्टो (सिर्फ़ जानकारी के तौर पर) और UPI जैसे टूल्स से परिचित कराएँ।
- अंतिम निर्णय बच्चों को खुद लेने दें।
❌ 3. आपकी बातें और काम मेल न खाना
- घर का बजट बच्चों के सामने बनाएँ।
- EMI और क्रेडिट कार्ड बिल्स के बारे में उन्हें समझाएँ।
- हर महीने एक “फैमिली सेविंग डे” रख सकते हैं।
❌ 4. पैसों को लेकर लगातार झगड़ना
- बड़े फैसले मिलकर करें।
- छोटे मतभेद बच्चों के सामने न लाएँ।
- बच्चों को यह दिखाएँ कि पैसों पर बातचीत सामान्य और सकारात्मक हो सकती है।
❌ 5. पैसों की बातें न करना
- बच्चों से अनौपचारिक बातचीत शुरू करें।
- UPI पेमेंट दिखाएँ और समझाएँ।
- महँगाई का उदाहरण दें (जैसे दूध की कीमत पिछले 5 साल में कैसे बढ़ी)।
- कॉम्पाउंडिंग समझाने के लिए बताइए कि “अगर 100 रुपये बैंक में 10 साल तक पड़े रहें तो ये कैसे बढ़ेंगे।”
बच्चों में पैसों की समझ कैसे विकसित करें?
- बच्चों को हर महीने एक तय रकम दें।
- उनसे पूछें कि वह इसे कैसे खर्च करेंगे।
- खर्च और बचत का हिसाब रखने की आदत डालें।
- तीन जार बनाइए: खर्च, बचत और दान।
- बच्चे को सिखाएँ कि हर पैसे को इन तीन हिस्सों में बाँटना है।
- Monopoly, Business जैसे बोर्ड गेम खेलें।
- ये गेम बच्चों को खर्च, निवेश और दिवालियापन तक की सीख देते हैं।
- बच्चों को FitMoney SuperSquad जैसे ऐप्स दिखाएँ (TechLearning)।
- इससे वे गेम खेलते-खेलते पैसों की स्किल्स सीखेंगे।
✅ नतीजा
- अगर बच्चों को छोटी उम्र से पैसों की सही समझ दी जाए तो:
- वे खर्च और बचत में संतुलन बनाएँगे।
- निवेश के महत्व को समझेंगे।
- आर्थिक फैसलों में आत्मनिर्भर होंगे।
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और सबसे महत्वपूर्ण — पैसे से डरेंगे नहीं बल्कि इसे अपने जीवन का प्रबंधन
करने का साधन मानेंगे।
🎯 निष्कर्ष
बच्चों को पैसे की सही शिक्षा देने के FAQ
1. बच्चों को पैसे की शिक्षा कब शुरू करनी चाहिए?
बच्चों में पैसों की समझ 3-5 साल की उम्र से धीरे-धीरे विकसित की जा सकती है। शुरुआत छोटे-छोटे कदमों से करें — जैसे पॉकेट मनी देना, जार सिस्टम में बचत सिखाना, और खर्च पर बातचीत करना।
2. पॉकेट मनी देना सही है या नहीं?
हाँ, पॉकेट मनी देना बच्चे को फैसले लेने और पैसों का मूल्य समझने में मदद करता है। ध्यान रहे कि इसे नियंत्रित तरीके से और उनकी उम्र के अनुसार दें।
3. बच्चे को पैसे के फैसले लेने दें या हर बार रोकें?
बच्चों को छोटे फैसले लेने दें। अगर वे गलती करते हैं, तो प्यार से समझाएँ। इससे वे सीखते हैं कि खर्च और बचत का संतुलन कैसे बनाना है।
4. क्या डिजिटल पैसे की शिक्षा ज़रूरी है?
हाँ, आज के समय में डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन बैंकिंग बच्चों को समझना बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए UPI, डिजिटल गोल्ड, और सेविंग ऐप्स।
5. माता-पिता को पैसों के बारे में बच्चों से कैसे बात करनी चाहिए?
अनौपचारिक और सरल उदाहरणों से बातें करें। जैसे:
- “तुमने देखा दूध की कीमत बढ़ गई, यही महंगाई है।”
- “अगर हम 50 रुपये बचाएँ, तो साल के अंत में कितना हो जाएगा।”
6. बच्चों में निवेश की आदत कैसे डालें?
बच्चों को निवेश के विकल्प दिखाएँ जैसे SIP या म्यूचुअल फंड्स।
जार सिस्टम और छोटे-छोटे निवेश खेल के माध्यम से समझाएँ।
खुद उदाहरण बनकर दिखाएँ, जैसे अपनी बचत और निवेश दिखाना।
7. क्या घर में पैसे पर झगड़ा बच्चों पर असर डालता है?
हाँ, लगातार पैसे पर झगड़ा बच्चों में तनाव और डर पैदा करता है। बड़े फैसलों में मिलकर सहमति बनाएं, लेकिन छोटी बातों पर झगड़ा बच्चों के सामने न करें।
8. बच्चों को पैसे की शिक्षा देने के लिए कौन से खेल मददगार हैं?
- Monopoly, लूडो जैसी बोर्ड गेम्स
- FitMoney $uperSquad जैसे डिजिटल गेम्स
- वास्तविक खर्च और बचत की गतिविधियाँ
9. क्या बच्चों को निवेश के विकल्प थोपने चाहिए?
नहीं, सिर्फ जानकारी दें और फैसला उन्हें खुद करने दें। इससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे और सीखेंगे कि कौन सा विकल्प उनके लिए सही है।
10. पैसे की शिक्षा देने से बच्चे को क्या लाभ होगा?
- फैसले लेने में आत्मविश्वास
- सही निवेश और बचत की आदत
- आर्थिक रूप से मजबूत और जिम्मेदार बनना



